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” लाचारी “

चहुं ओर हाहाकार देख मस्तिष्क में विचार ही नहीं आते , कुछ पंक्तियां लिखने को उठे हाथ हैं कंपकंपाते , ओक्सीजन और हस्पताल की चीख-पुकार से , अंदर ही अंदर सब सहम जाते डाक्टर की लाचारी देख दिल के सैंकड़ों टुकड़े हो जाते, बस….. उम्मीद से भरी आंखें देख हौंसले का हाथ ही बढ़ा पातेContinue reading “” लाचारी “”

” विचारों की लस्सी “

Facebook, Insta और Twitter नेले रखी है जान ,ना चाहते हुए भी जाता है बार-बारइन पर ध्यान ,हम भी हो जाते हैं fussy ,और बनने लग जाती है विचारों की लस्सी । Beauty और fashion वीडियो देखकर ,बढ़ जाता है depression ,Inner beauty से टूट सा जाता है connection ,दूसरों की figure तो लगे पतलीContinue reading “” विचारों की लस्सी “”

” आस “

क्या है आस ?अपनों से अपनत्व का विश्वासही जगाता है मन में आस । दोस्त से दोस्ती निभाने की आस ,पति पत्नी में प्रेम की आस ,माता-पिता से विश्वास की आस ,ससुराल पक्ष में सम्मान की आस ,अनकहे रिश्तो में एक मिठास की आस ,वैचारिक मतभेद होते हुए भी समझने की आस ,भारत भूमि केContinue reading “” आस “”

” कानों को चैन “

जो बेचारे कान ,2020 में थे बहुत परेशान ,चश्मे की डंडी और मास्क की डोरी से ,निकल सी रही थी जिनकी जान ,जो उलझन में थे घमासान ,शायद उन कानों को 2021 में आए चैन ,हो जाए खत्म शायद उनका बैन । तरस रहे थे जो बेचारे ,खुसर – फुसर की आवाजों को ,सहेलियों केContinue reading “” कानों को चैन “”

” दिमाग “

दिमाग…. शरीर रूपी मशीन का एक अहम पुर्जा़ ,जो भरता है अंग – प्रत्यंग में ऊर्जा ।बैठाता सभी अंगो का आपस में तालमेल ,पर दिल सदा ही खेल बैठता है इससे खेल ।दिमाग विचार – शक्ति को बनाता है मजबूत ,दिल हो जाता है भावनाओं के वशीभूत ।ना जाने दिल से अलग दिमाग के रस्तेContinue reading “” दिमाग “”

” आज का बच्चा “

दिमाग ने किया एक सवाल ,क्या है बच्चा ?हमने कहा ,जिसका मन है केवल सच्चा,अनुभवों में जो है कच्चा ,कभी ना दे जो किसी को गच्चा ,शायद यही है एक बच्चा !हां यही है नेक बच्चा । पर…… क्या हम नहीं खेल रहे हैंबच्चों के आने वाले कल से ,भोले – भाले बचपन को ,तहस-नहसContinue reading “” आज का बच्चा “”