जो बेचारे कान ,2020 में थे बहुत परेशान ,चश्मे की डंडी और मास्क की डोरी से ,निकल सी रही थी जिनकी जान ,जो उलझन में थे घमासान ,शायद उन कानों को 2021 में आए चैन ,हो जाए खत्म शायद उनका बैन । तरस रहे थे जो बेचारे ,खुसर – फुसर की आवाजों को ,सहेलियों केContinue reading “” कानों को चैन “”