चहुं ओर हाहाकार देख मस्तिष्क में विचार ही नहीं आते , कुछ पंक्तियां लिखने को उठे हाथ हैं कंपकंपाते , ओक्सीजन और हस्पताल की चीख-पुकार से , अंदर ही अंदर सब सहम जाते डाक्टर की लाचारी देख दिल के सैंकड़ों टुकड़े हो जाते, बस….. उम्मीद से भरी आंखें देख हौंसले का हाथ ही बढ़ा पातेContinue reading “” लाचारी “”